Mahatma Gandhi Jayanti Special: आज २ अक्टूबर, आज के दिन ही पुरे भारत में बापूजी की जयंती का उस्तव मनाया जाता है. बापूजी याने हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी (Father Of the Nation Mahatma Gandhi). महात्मा गाँधी के जन्मदिन को गाँधी जयंती(Gandhi Jayanti) के नाम से मनाया जाता हैं. महात्मा गाँधी जी अग्रेजो के खिलाप अहिंसा के मार्ग पर चलते हुए अहिंसा आंदोलन चलाया। इसीलिए उनके जन्मदिन को विश्व अहिंसा के दिन से भी जाना जाता है.
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म २ अक्टूबर १८६९ को भारत, गुजरात राज्य के पोरबंदर जिले में हुआ था. महात्मा गांधीजी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी हैं. उनके पिता का नाम करमचंद गाँधी और माँ का नाम पुतलीबाई था. भारत देश को आज़ादी मिलाके देने में एहम भूमिका निभानें वाले मोहनदास करमचंद गांधी आगे चलकर महात्मा गाँधी कहलाए. लोग उन्हें प्यार से “बापू” कहकर भी बुलाते थे.
महात्मा गांधीजी के शिक्षा और नौकरी के बारे में :
४ सितम्बर १८८८ को गाँधी यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन में कानून की पढ़ाई करने और बैरिस्टर बनने के लिये इंग्लैंड चले गये. वहां अपनी वकीली की शिक्षा पूरी करने के बाद गांधीजी फिरसे भारत में लौटे. भारत में आकर उन्होंने फिरसे एक साल कानून का अभ्यास किया. उसके बाद एक भारतीय फ़र्म में काम करने के लिए दक्षिण अफ़्रीका गये. अफ्रीका में जाने के बाद उन्हें वहां वर्णभेद और जातिभेद का अनुभव किया. दक्षिण अफ्रीका में महात्मा गांधीजी को कई बार भेदभाव का भी सामना करना पड़ा.
सन १८९४ में गांधीजी ने नेटाल भारतीय कांग्रेस की स्थापना की. उसके बाद उन्होंने अफ्रीका भारतीयों पे होने वाले अत्याचारों पे अपना ध्यान केंद्रित किया. सन १८९७ में महात्मा गाँधी अपने पत्नी कस्तूरबा गाँधी और बच्चे हरिलाल गाँधी, मणिलाल गाँधी, रामदास गाँधी और देवदास गाँधी को दक्षिण अफ्रीका लेकर गये.
महात्मा गांधीजी का भारतीय स्वातंत्र्य संग्राम में योगदान :
महात्मा गाँधी भारतीय स्वतंतत्रा आंदोलन के प्रमुख एव नेता थे. सन १९०६ में गांधीजीने पहली बार “अहिंसा आंदोलन ” सरकार के पंजीकरण अधिनियम के खिलाप आयोजन किया.
भारत में वापस आने के बाद महात्मा गांधीजी भारतीय स्वातंत्र्य संग्राम में शामिल हुए. उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से बात करके उसके नेता बने. १९१८ में अंग्रेजोद्वारा बढ़ाये हुए कर का विरोध गांधीजीने किया था. इस घटना को चम्पारण सत्याग्रह और खेड़ा सत्याग्रह भी कहा जाता है.
गांधीजी के नेतृत्व में हुए कुछ संग्राम :
असहयोग आंदोलन : गांधीजी ने असहयोग, अहिंसा तथा शांतिपूर्ण प्रतिकार को अंग्रजो के खिलाप एक शस्त्र के रूप में उपयोग किया। यह आंदोलन गांधीजी के नेतृत्व में चलाया जाने वाला पहला आंदोलन था. यह आंदोलन अंग्रेजो ने लगाए हुए “रॉलेट एक्ट” के खिलाप था.
नमक सत्याग्रह : मार्च १९३० में नमक पर कर लगाए जाने के विरोध में गांधीजीने सत्याग्रह चलाया. जो आज है आज हम “दांडी यात्रा” से भी जानते है.
उसके बाद गांधीजीने कई स्वातंत्र्य संग्रामो में भाग लिया जैसे दलित आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन.
गाँधी जी के सिद्धांत :
सत्य
अहिंसा
शाकाहारी रवैया
सादकी
विश्वास
गाँधी जी ने कहे हुए कुछ सन्देश :
“जब मैं निराश होता हूं तब मैं याद करता हूं कि हालांकि इतिहास सत्य का मार्ग होता है किंतु प्रेम इसे सदैव जीत लेता है। यहां अत्याचारी और हतयारे भी हुए हैं और कुछ समय के लिए वे अपराजय लगते थे किंतु अंत में उनका पतन ही होता है -इसका सदैव विचार करें”
” मृतकों, अनाथ तथा बेघरों के लिए इससे क्या फर्क पड़ता है कि स्वतंत्रता और लोकतंत्र के पवित्र नाम के नीचे संपूर्णवाद का पागल विनाश छिपा है”
“एक आंख के लिए दूसरी आंख पूरी दुनिया को अंधा बना देगी”
“मरने के लिए मैरे पास बहुत से कारण है किंतु मेरे पास किसी को मारने का कोई भी कारण नहीं है “