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कंप्यूटर का इतिहास

ऐसा कहा जाता है की, “Need is the mother of invention” याने की “आवश्यकता आविष्कार की जननी है”. ऐसा ही कुछ कम्प्यूटर के अविष्कार का कारन है. आजकल हम जिस कम्प्यूटर को देख है. उसकी खोज पहले गणितीय क्रिया करने के लिए किया गया था.

सुरुवात से ही आवश्यकता के अनुसार कम्प्यूटर में वैज्ञानिको (इंजीनियर) ने बहुत सरे बदलाव किये है. और उसका रिजल्ट आज हम सभी जगह देख रहे है. इस पोस्ट में हम कम्प्यूटर का इतिहास क्या है? और इसकी खोज कैसी हुई इसके बारे में जानेंगे.

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चार्लस बॅबेज जिनको “गणिततज्ञ” से भी सम्बोधित किया जाता है. वो केब्रिज विश्वविद्यालय में नौकरी करते थे. सन 1830 में उन्होंने एक यंत्र की खोज की, जिसे Differential Engine कहा जाता था. इस यंत्र की मदत से सभी गणितीय क्रिया की जाती थी. इसी में थोड़े बदलाव करके चार्लस बॅबेज इन्होने Analytics Engine बना लिया. जिसका Structure आजके कम्प्यूटर से थोड़ाबहुत मिलता है.

इस Analytics Engine के मुख्य पांच भाग थे. इनमे से पहले भाग में डाटा को स्टोर किया जाता था. दूसरे भाग में उस डाटा के ऊपर गणितिय क्रिया की जाती थी. और मिले हुए जवाब को तीसरे भाग में भेजा जाता था. तीसरे भाग में डाटा को दूसरे भाग से मिले हुए डाटा को स्वीकार किया जाता था.चौथे भाग में जवाब को Display के ऊपर दिखने का काम किया जाता था. और पाचवे भाग में इन चारो भागो के ऊपर नियंत्रण करने का काम किया जाता था.

चार्लस बॅबेज इन्होने बनाये हुए Analytics Engine को आधुनिक कम्प्यूटर का ओरिजिन कहते है. इसीलिए चार्लस बॅबेज इनको “कम्प्यूटर का जनक” (Father of Computer) कहा जाता है.

1880 में अमेरिका में जनगणना का काम सात साल चला था. उस टाइम अमेरिका गवर्नमेंट ने एक घोषणा की, जो जनगणना करने लिए आसान तकनीक या पद्धत बतायेगा उसे इनाम दिया जायेगा. तभी हरमन होलरिथ इन्होने Punch Card पद्धत को ढूंढ निकाला. इस तकनीक का इस्तेमाल करके 1890 में जनगणना सिर्फ तीन साल में पूरी हुई.

Analytics Engine, Differential Engine, Punch Card Technique जैसे यंत्रो का रिकॉर्ड रखने के लिए 16 जून 1911 में IBM (International Business Machine Carporation) कंपनी की स्थापना हुई. इसी दिन से असल में कम्प्युटर के युग की शुरुवात हुई.

1944 में हॉवर्ड एकीन इन्होने Mark I कम्प्यूटर को बनाया. इस कम्प्यूटर में 300 Vaccume Tubes का यूज किया गया था. यही पहला “इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कम्प्यूटर” है. 1949 में प्रोफेसर मॉरिस विल्कीज़ इन्होने Electronic Delay Storage Automatic Calculator (EDSAC) बनाया. 1951 में The Universal Automatic Computer I(UNIVAC I) डिजिटल कम्प्यूटर को बनाया.

ऐसेही आगे चल के कम्प्यूटर में बहुत सारे बदलाव होते गए. 1552 में IBM कंपनी ने 701 नाम का पहला “व्यापारी कम्प्यूटर” बेचने के लिए रखा. और इसी कंपनी ने IBM 650 नाम से 1953 में लगभग 1000 कंप्यूटर को बेचा.

इसी प्रकार से कम्प्यूटर के क्षेत्र में नए नए Invention हुए, आवश्यकता के अनुसार बदलाव भी हुये. और आज हम इसी की वजह से सुपर कम्प्यूटर के यूग में हमारा जीवन बिता रहे है.

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