How windmills make electricity | पवनचक्की बिजली को कैसे बनाती हैं

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दोस्तों आप इस पोस्ट में जानेंगे की पवनचक्की बिजली को कैसे बनाती हैं? सबसे पहले हम हमारे कुछ ऊर्जास्रोत के बारे में जान लेते ही जिससे हमें बिजली मिलती है. क्या आपको पता है की ऊर्जास्रोत के कितने प्रकार है? वैसे तो दो प्रकार ऊर्जास्रोत के ऊर्जास्रोत है. पहला परंपरागत ऊर्जास्रोत और दूसरा नवीकरणीय ऊर्जास्रोत.

ऊर्जास्रोत के प्रकार (Types of Source of Energy)

परंपरागत ऊर्जास्रोत (Conventional Energy Source) :

परंपरागत ऊर्जास्रोत में हमें ऊर्जा कोयला, पेट्रोल, डीजल से मिलती है. और हमारी दिनबदिन बढती Energy Requirement से यह स्त्रोत ख़त्म हो रहे है. सबसे बड़ी बात तो ये सारे स्त्रोतों से हमारे पर्यावरण में भारी मात्रा में प्रदुषण भी फ़ैल रहा है. जिसके कारण हमें कई सारी बीमारियां और समस्याओं का सामना करना पड रहा है. ये सारे समस्या का मानव ने हल भी निकाला है. यानि दूसरा ऊर्जा का स्त्रोत ढूढ़ निकाला है. और वो ये है –

नवीकरणीय ऊर्जास्रोत (Renewable Energy Source) :

यह एक नया ऊर्जास्रोत है की जो धरती पे भारी मात्रा में उपलब्ध हैं. और हमारी सरकार भी हमें Renewable Energy को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने के लिए लोगो को प्रोस्ताहित कर रहा है. पर अब आप सोच रहे होंगे की ऐसी ऊर्जा हमें कहा से मिलती है. सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जलविद्युत ऊर्जा, बायोगैस, जैवईंधन, आदि नवींकरनीय ऊर्जा के स्त्रोत है. तो हम इस पोस्ट में Renewable Energy Source के एक स्त्रोत की पूरी जानकारी लेंगे।

पवन ऊर्जा (Wind Energy) :

इस ऊर्जा के प्रकार में हम हवा से ऊर्जा को बनाते है. अब हमें ये ऊर्जा कौनसे रूप में मिलती है. हमें ये ऊर्जा विद्युत् ऊर्जा (Electricity) के रूप में मिलती है. पर हवा से इलेक्ट्रिसिटी कैसे बनायीं जाती है ये सवाल कई लोगो के मन में आता है. हवा से इलेक्ट्रिसिटी बनाने के लिए हम पवनचक्की (Wind Turbines) का इस्तेमाल करते है. सातवीं सदि में पवनचक्की का इस्तेमाल मक्का पीसने के लिए और पानी खींचने के लिए किया जाता था. व्यावहारिक रूप में पवनचक्की का इस्तेमाल अफगानिस्तान और इरान के बिच के क्षेत्र में किया गया था. तो चलिए अब हम पवनचक्की के कंस्ट्रक्शन के बारे में जानकारी लेते है.

पवनचक्की (Basic Construction Of Wind Turbine) :

Basic Construction Of Wind Turbine image credit. pinterest

आपको पवनचक्की (Wind Turbine) के कंस्ट्रक्शन फोटो देखकर पवनचक्की के बारे में बहुत कुछ समज आया होगा की असल में पवनचक्की के में क्या क्या होता है. तो चलिए हम इसके बारे में अधिक जान लेते है की इसका कौन सा पार्ट कौन सा काम करता है.

१. पवनचक्की के ब्लेड्स (Wind Turbine Blades) :

मैं उम्मीद करता हु की आप सभी ने पवनचक्की को देखा ही होंगा नहीं देखा है तो कोई बात नहीं हमने ऊपर पवनचक्की का फोटो दिया है. आपको उसमे लम्बे लम्बे ब्लेड्स दिख रहे होंगे. असल में ये ब्लेड्स क्या काम करते है ये अब हम जान लेते है. इस ब्लेड्स को हम रोटर ब्लेड्स (Wind Turbine Rotar Blades) भी कहते है. ये रोटर ब्लेड्स पवनचक्की का एक महत्वपूर्ण भाग है जो हवा के साथ घूमता है.

दोस्तों, हमें ये दिखने में तो बहुत ही आसान लगता है की बहती हवा ब्लेड्स को घुमाती है, लेकिन कैसे? आप पवनचक्की के डिज़ाइन को देखेंगे तो आपको पता चलेगा का इनका डिज़ाइन बहुत ही अलग होता है. यह ब्लेड्स का आकार (Shape Of Wind Turbine Rotar Blades) Air Foil तकनीक को ध्यान में रखकर बनाया जाता है. Air Foil shape ऐसा Shape होता है की जो कौनसे भी Fluid यानि की पानी और हवा में Aerodynamic Pose जनरेट करता है. मतलब जब भी Air Foil Shape के ऊपर से हवा बहती है तो वो पत्ते की तरह अपना आकार थोडासा बदल देता है. तो आप को पता चला होगा की ये ब्लेड्स कैसे घूमते है.

Air foil Technique का इस्तेमाल विमानों के wings को डिज़ाइन करने के लिए किया जाता है.

२. जनरेटर (Generator) :

जनरेटर ऐसा डिवाइस है की जो मेकैनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी (Mechanical Energy To Elecrical Energy) में रूपांतरित करता है. यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन प्रिंसिपल (Electromagnetic Induction Principle) के ऊपर काम करता है. और इलेक्ट्रिसिटी बनाता है. आप जनरेटर के बारे में अधिक जानना चाहते हो तो हमें निचे कमेंट कर सकते है हम जल्द ही उसके ऊपर पोस्ट लिखेंगे.

भारी मात्रा में इलेक्ट्रिसिटी (Electricity) बनाने के लिए जनरेटर को बहुत ही ज्यादा स्पीड से घुमाना पड़ता है. यह स्पीड लगभग 1800 RPM इतना है. RPM यानि रोटेशन पर मिनट. यह जनरेटर के स्पीड का एकक है. आपने पवनचक्की के ब्लेड्स का स्पीड को देखा होंगा तो वो बहुत ही कम होता है. पवनचक्की के ब्लेड्स का स्पीड लगभग 10-20 RPM इतना है. याने पवनचक्की के ब्लेड्स एक मिनिट में सिर्फ १० से २० बार ही घूमते है. हम इतने कम स्पीड से घूमने वाले ब्लेड्स को सीधा जनरेटर से जोड़ देंगे तो हमें Required Electricity है वह हमें नहीं मिलेंगी. तो यहाँ Gearbox का इस्तेमाल किया जाता है.

३. गियरबॉक्स (Gearbox) :

गियरबॉक्स (Gearbox) को रोटर ब्लेड्स और जनरेटर के बीच में जोड़ा जाता है. गियरबॉक्स का उपयोग गति को कम या ज्यादा करने के लिए किया जाता है. पवनचक्की में ये गियरबॉक्स ब्लेड्स के स्पीड को बढ़ाके जनरेटर के स्पीड को बढ़ाता है. पवनचक्की (Wind Turbine) में इस्तेमाल किये हुए गियर का प्रमाण (Ratio) साधारणतः 90:1 तक होता है. अगर हम गियरबॉक्स को 1 रोटेशन दे तो हमें आउटपुट में 90 रोटेशन मिलेंगे. याने की 90 times स्पीड बढ़ेगा.

दोस्तों, पवनचक्की के ब्लेड्स का स्पीड 20 RPM है, तो जनरेटर 20 * 90 = 1800 RPM के स्पीड से घूमेगा. जनरेटर इतनी स्पीड से घूमता है तो इलेक्ट्रिसिटी का निर्माण होगी. ये तैयार हुई इलेक्ट्रिसिटी को केबल के द्वारा Base की तरफ ट्रान्सफर किया जाता है, जहॉ पर एक ट्रांसफार्मर लगाया जाता है.

४. ट्रांसफार्मर (Step Up Transformer) :

यह एक ऐसा ट्रांसफार्मर है जो Low वोल्टेज को High वोल्टेज(It Converts Low Voltage into High Voltage) में रूपांतरित करता है. और उसका काम उसके नाम के हिसाब से ही इलेक्ट्रिसिटी को ट्रांसफर या डिस्ट्रीब्यूट करना हैं.

५. ब्रेक (Brakes) :

आप के खयाल आया होगा की हमने पहले आपको बताया की जितने ज्यादा स्पीड से ब्लेड्स घूमेंगे उतना ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी तैयार होगी और ये हमारे लिए अच्छा है. पर दोस्तों ये सच है की पवनचक्की में स्पीड को कंट्रोल करने के लिए ब्रेक का उपयोग किया जाता है. Wind Turbine के ब्लेड्स की लंबाई 100 FEET से भी ज्यादा होती हैं. और इतने बड़े ब्लेड्स ज्यादा गति से घूमने लगे तो इन्हे कंट्रोल करना आसान नहीं है. अगर कभी तूफ़ान की वजह से हवा की गती तेज हो जाती है तो ब्लेड्स को भी वह हवा तेज गती से घूमा सकती है. और इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए पवनचक्की में ब्रेक लगाए जाते है.

ब्लेड्स का स्पीड निश्चित स्पीड से ज्यादा होता है तो ब्रेक्स ऑटोमैटिक एक्टिवेट होकर ब्लेड्स के स्पीड को कंट्रोल करते है. अगर पवनचक्की का ब्रेक फेल होता है या यदि पवनचक्की में ब्रेक ही नहीं होते तो बहुत बड़ी दुर्घटना हो सकती हैं.

६. ज्यादा से ज्यादा बनाने के लिए ब्लेड्स का मुँह हवा की तरफ होना बहुत जरुर होता है. लेकिन हवा की दिशा कभी भी बदल सकती है. ब्लेड्स का मुँह हवा के तरफ रहे इसीलिए पवनचक्की में एक खास Arrangement की जाती है. हवा की दिशा को Sense किया जाता है और उसके हिसाब से Wind Turbine को घुमाया जाता है.

पवनचक्की कितनी Electricity बनाती है? How much Electricity Wind Turbines Generates?

दोस्तों, पवनचक्की कितनी इलेक्ट्रिसिटी बनाती है ये Depends करता है की Windmills के साइज पर. Average देखा जाए तो 2.5 – 3 मेगावॉट के Turbines होते हैं. Energy Information Agency के सर्वे में सामने आया की अमेरिका में एक घर में 888 KWH ऊर्जा का इस्तेमाल एक महीने में किया जाता हैं. अगर हम 1.5 मेगावॉट का Wind Turbine लगा देंगे तो 332 घरों की बिजली की जरुरत पूरी कर सकता है.

2020 के एक डाटा अनुसार इनस्टॉल Wind Power के हिसाब से भारत का पुरे विश्व में चौथा नंबर आता है. दोस्तों में उम्मीद करता हूँ की ये आपको ये Information पसंद आयी होगी अगर आपको ये Information Helpful लगी हो तो आपने दोस्तों के साथ में जरूर शेअर करे.

आप को पवनचक्की के बारे में Visual फॉर्म में जानना चाहते हो तो ये वीडियो जरूर देखे –

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