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ISRO के बारे में जानकारी

ISRO (Indian Space Research Organization) भारत की स्पेस एजेंसी है. ISRO ने अबतक कई सारे मिशन्स को पूरा करा है. और भारत देश का नाम ऊँचा कर दिया है. हम इस पोस्ट में ISRO के बारे में जानकारी देनेवाले है. तो इस पोस्ट को जरूर ध्यान से पढ़े.

ISRO की शुरुवात बहुत ही स्पेशल दिन हुई थी. यह दिन भारत के हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है. १५ अगस्त १९६९ को ISRO की स्थापना हुई. स्वतत्रता दिवस के दिन डॉ. विक्रम साराभाई ने इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (Indian Space Research Organization) की शुरुवात करी. विक्रम साराभाई का Indian Space Research में काफी योगदान रहा है. इसीलिए डॉ. विक्रम साराभाई को “Father of Indian Space Program” भी कहा जाता है.

ISRO का हर एक प्रोजेक्ट काफी किफायती और फायदेमंद रह चूका है. पिछले ४० सालो में जितना ISRO ने अपने project के resources (सामग्री) में खर्चा किया है. उतना तो NASA का एक साल का बजट है. NASA का फूल फॉर्म National Aeronautics and Space Administration है. NASA अमेरिका की बहुत बड़ी स्पेस एजेंसी (Space Agency) है.

ISRO के पहले लुनार मिशन चंद्रयान १ में ISRO ने ३९० करोड़ रुपये खर्च करे थे. चाँद का यही मिशन पूरा करने के लिए NASA ने ISRO से ९ गुना ज़्यादा पैसा खर्च किया था. इसका मतलब यही की ISRO का हर एक मिशन किफायती साबित हुआ है. और ISRO के हर एक सदस्य की मेहनत इसमें दिखती है. ISRO का बजट इण्डिया के १% GDP से भी कम होता है. GDP याने Gross Domestic Product (सकल घरेलु उत्पाद). जबकि ISRO बहुत ही अच्छा Revenue मिलता है. ISRO के अबतक ३४ देशों में ३४२ से भी ज्यादा Clients है. इनसे ISRO की अच्छी कमाई होती है.

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India ने Mars (मंगल ग्रह) के मिशन ने पूरी दुनिया में इतिहास रचा दिया है. ISRO अपनी पहली कोशिश में Mars मिशन में सफल हुआ. जबकि इस मिशन में बड़ी बड़ी स्पेस एजेंसी भी को पहले प्रयास में यह मिशन पूरा नहीं कर सके.

ऐसा कहा जाता है की, कई साल पहले ISRO ने NASA से Methodology के लिए मदत मांगी थी. तब अमेरिका ने इन्डिया को मदत करने के लिए मना कर दिया था. इसके बाद भी भारत के वैज्ञानिको ने हार नहीं मानी. और अपनी खुद की Methodology बना डाली. और सबसे कम कीमत में अपना मिशन पूरा कर दिखाया.

भारत के Space Research के इतिहास की बात करे तो, १९६२ में INCOSPAR की स्थापना की गई थी. INCOSPAR का फुलफॉर्म है –

INCOSPAR Indian National Committee for Space Research

इसी से आगे जाकर ISRO की स्थापना हुई. डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम INCOSPAR के पहले सदस्य थे. डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम के ही निगरानी में भारत द्वारा Nike Apache Rocket लॉन्च किया गया था. यह Rocket इण्डिया का Thumba Equatorial Rocket Launching Station (TERLS) से पहला लॉन्च किया गया रॉकेट है. यह रॉकेट केरला के थुंबा नमक गांव से लांच किया गया था.

डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम का योगदान Indian Space Research के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है. डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम भारत देश के राष्ट्रपति भी रह चुके थे. भारत का पहला सफल Experimental Satellite Launcher Vehicle SLV-3 के Head डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम थे. उन्होंने DRDO के Missile Development के प्रोजेक्ट का भी नेतृत्व करा. भारत के मिसाइल development में डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम बहुत बड़ा योगदान रहा. इसीलिए डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम को “मिसाइल मॅन” कहा जाता है.

ISRO ने १९७५ में अपनी पहली satellite बनाई. इस satellite का नाम आर्यभट्ट था. उस वक्त ISRO की क्षमता कम थी तब ISRO ने USSR की मदत ली थी.

१९८१ में ISRO ने Apple Satellite को लॉन्च किया और इस satellite को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए ISRO ने लकड़ी के बैलगाड़ी का यूज किया था.

ISRO की यह जानकारी आपको पसंद आयी होगी, ऐसेही इंटरेस्टिंग टॉपिक पर हम ट्रेंड्स हिंदी पर पोस्ट लेकर आते है.

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