नमस्कार दोस्तों, पिछले कई सालो से हर दिन technology में नए नए बदलाव हो रहे है. हर दिन वैज्ञानिक कुछ ना कुछ अविष्कार कर रहे है. नयी टेक्नोलॉजी को दुनिया में Introduce कर रहे है. इसमें एक technology आती है वो है RFID technology.
1983 में चार्ल्स वाल्टन द्वारा RFID को officialy पूरी दुनिया को introduce किया है. चार्ल्स वाल्टन से पहले भी कई वैज्ञानिको ने इस तंत्रज्ञान को develop करने की कोशिश की थी. ऐसा कहा जाता है की सबसे पहले द्वितीय विश्वयुद्ध में IIF Transponder का इस्तेमाल किया गया था. जो लगभग RFID technology से कई मिलता है. द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी ने यह टेक्नोलॉजी को अपने लड़ाकू विमानों में Indetification के लिए किया था.
आज के दिन RFID Technology को विद्यालयों, हॉस्पिटल्स, होटल्स, Transportion में, बड़ी बड़ी कंपनियों में कई चीजों को Tracking के लिए किया जाता है. तो इस पोस्ट में हम RFID Technology क्या है?
RFID TECHNOLOGY क्या है? What is RFID technology ?
RFID याने Radio Frequency Indentification. इस टेक्नोलॉजी में रेडिओ लहरों (Radio Waves) का यूज किया जाता है. इन रेडिओ लहरों से जो भी टैग की गई वस्तु है उसको पहचान करने के लिए किया जाता है. RFID एक passive wireless technology है जो किसी भी वस्तु या चीज़ को identify या matching के लिए किया जाता है.
RFID system में Reader और Tag ये दो पार्ट्स बहुत महत्वपूर्ण घटक है. तो चलिए RFID Reader और RFID Tag के बारे में पूरी जानकारी लेते है.
RFID Tag :
इसमें एक सिलिकॉन माइक्रोचिप होता है जो एक छोटे एंटीना से जुड़ा होता है जो एक Substrate पर लगाया जाता है. और ये सब एक प्लास्टिक कार्ड पे Attach किया जाता है. RFID tags मार्केट में हमें अलग अलग साइज और Shape में मिलते है. ये छोटा antenna तांबे का तार के coil से बनाया जाता है. यह Copper coil सिलिकॉन चिप से कनेक्ट रहता है. इस copper coil द्वारा Radio Waves को प्रसारित किया जाता है. हर कार्ड अलग अलग frequency का सिग्नल को ट्रांसमिट करता है. सिलिकॉन चिप में एक id स्टोअर किया जाता है. यह id 12 बाइट्स का होता है.
RFID Tag दो प्रकार के होते है – Active Tags और Passive Tags
RFID Reader :
इसमें सिग्नल भेजने और प्राप्त करने के लिए एंटेना के साथ एक स्कैनर होता है, जो टैग के साथ जुड़ने का काम करता है. और टैग से जानकारी प्राप्त करता है।
RFID रीडर RFID टैग से डेटा को पढ़ता है. जिसमें 12 बाइट्स की संग्रहीत आईडी होती है।
जब भी RFID टैग RFID reader के रेंज में आते हैं, RFID रीडर इसकी विशिष्ट आईडी को पढ़ता है और इसे Serially माइक्रोकंट्रोलर या पीसी तक पहुंचाता है। RFID रीडर में Transreceiver होता है. और उस पर एक एंटीना लगा होता है. यह ज्यादातर स्थिर स्थिति में तय होता है.
इसे भी पढ़े :
- Software Installation process in Computer or Laptop
- Windows 10 का नया वर्जन Windows 11 आ गया…
- Li-Fi क्या है ? What is Li-Fi in hindi, और Li-Fi कैसे काम करता है
- All information about Keyboard in hindi | कीबोर्ड के बारे में सभी जानकारी हिंदी में
- Google Account में 2 Step Authentication को कैसे Enable करें.
- अपने सोशल मिडिया अकाउंट को सुरक्षित रखने के लिए ‘६’ टिप्स