Best Microsoft Excel Courses in Hindi : दोस्तों, अगर आप कम्प्यूटर ऑपरेटर हो तो आपने Excel के बारे में तो सुना ही होगा। Excel हमें माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के पैकेज के साथ मिलता है. शायद आपमें से बहुत कम लोग होंगे जो Microsoft Excel की असली पॉवर को जानते होंगे। एक्सेल एक बहुत ही पावरफुल सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है, जिसके द्वारा हम रॉ डाटा पर प्रोसेसिंग बहुत ही आसानी से कर सकते है. पर ये प्रोसेसिंग करनी हो तो सबसे पहले आपको Excel को सबसे पहले अच्छे से जानना होगा और Excel को सीखना होगा। अब आपके मन में ये सवाल आया होगा की हम एक्सेल कहा से सीखे [6 Best Microsoft Excel Courses in Hindi ]। इसीलिए मै इस पोस्ट में Excel के 6 best courses के बारे में बताने वाला हु, जिसे आप अपने घर से खुद के मोबाईल पर या कॉम्प्यूटर पर ये कोर्स पुरे कर सकते है.
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6 Best Microsoft Excel Courses in Hindi
Excel एक बहुत ही important सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है. जिसका उपयोग लगभग सभी ऑफिसेस (कार्यालयों), कंपनियों में किया जाता है. यह डेटा स्टोरेज, रिपोर्टिंग टूल, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टूल और डैशबोर्ड टूल के रूप में कार्य करता है. साथ ही साथ अकाउंट से जुड़े लोगो के लिए कई सारे एडवांस फीचर्स भी एक्सेल में मिलते है.
एक्सेल सीखने के लिए आपको कॉम्प्यूटर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं हो तो भी आसानी से एक्सेल को सिख सकते है. Excel के एक ही सॉफ्टवेयर प्रोग्राम में कई सारे ऑप्शंस, सुविधाएं होने की वजह से एक्सेल लोकप्रिय बन चूका है. एक्सेल का यूज छोटे से छोटे दुकान से बड़ी बड़ी कम्पनियो तक जगह यूज हो रहा है.
आप भी Excel को अच्छे से जाने और सीखे इसी हेतु से हम इस पोस्ट में आपको Excel के संबधित Basic to Advanced Courses को आपके साथ शेअर करने वाले है.
List of 6 Best Excel Courses to Beginner to Advanced Level
1. Excel Basic to Advanced Full Course in Hindi by (Learn More)
एक्सेल की इस बेसिक से एडवांस फूल कोर्स को ऐसा डिजाइन किया गया है, जिसमे हर कोई एनरोल कर सकता है. चाहे वो beginner भी हो तो इसे इस कोर्स में एक्सेल के बारे में स्टार्टिंग से सीखने को मिलेगा।
इस Excel केCourse में एक्सेल के सभी टैब्स के ऑप्शंस को पूरा कवर किया हुआ है. साथ ही साथ एक्सेल के एडवांस फॉम्यूला भी हमें इस कोर्स में सिखाये जायेंगे। जैसे VLOOKUP, HLOOKUP, SUMIF, SUMIFS, आदि. साथ ही साथ एक्सेल में अलग अलग चार्ट्स कैसे बनाते है. कंडीशनल फॉर्मेटिंग एक्सेल में कैसे अप्लाई करे. ऐसे कई सारे टॉपिक्स इस कोर्स में हमें सीखने को मिलेंगे।
इस Excel Basic to Advanced Full Course in Hindi में हमें एक्सेल जॉब्स से रिलेटेड और इंटरव्यू में पूछे जाने वाले फॉर्म्युलास और सवालों के बारे में एक्सप्लेन किया है. और साथ ही साथ उसे प्रक्टिकली कैसे यूज करना है यह भी बताया गया है.
2. Excel MIS Beginner to Advance in Hindi by (Learn More)
इस कोर्स को वो लोग कर सकते है जो MIS Executive का जॉब करना चाहते है. अगर आप अपने आपको MIS Executive के रूप में देखना चाहते हो तो आप के लिए यह कोर्स बिलकुल सही है. इसमें आप मैनेजमेंट रिपोर्ट्स, डैशबोर्ड, बार चार्ट्स, स्पीडोमेटेर चार्ट्स, इन्फोग्राफिक चार्ट्स बना सकते है।
अब आपको समज आया होगा की यह कोर्स हमारे लिए कितना फायदेमंद हो सकता है.
यह एक पैकेज कोर्स है, जिसमे आपको एक ही पैकेज में 3 कोर्स मिलेंगे। जिसमे Excel Beginners to Advanced Course in Hindi, MIS Excel Course in Hindi और Excel Power Query Course मिलेंगे।
4. Excel VBA Mastery Course in Hindi by (Learn More)
अगर आप एक्सेल में ऑटोमेशन करना सीखना चाहते हो तो ये कोर्स आपके लिये बिलकुल सही है. इस कोर्स में आप Excel VBA Automation पूरा सीखनेवाले है. इस कोर्स में बहोत सारे प्रोजेक्ट्स के बारे में स्टेप बाय स्टेप गाइड किया है. इन प्रोजेक्ट्स को रेफेर करके आप खुद Excel VBA यूज करके अपना खुद का VBA का नया प्रोजेक्ट बना सकते हो.
5. Excel Power Query Beginner to Advance Course in Hindi by (Learn More)
जब Excel में बहोत सारा डाटा बिखरा हुआ याने प्रॉपर अरेंजमेंट नहीं हो तो उसे अच्छे से Arrange करने के लिए Power Query की जरुरत पड़ती है.इस कोर्स में आप डाटा को अच्छे से सॉर्ट और फ़िल्टर करना सीखेंगे। साथ डाटा को अच्छे से क्लीन करना इस Excel Course सिखेंगे। ये कोर्स करने से आप आपका डाटा को प्रॉपर करने के लिए जो काफी समय लगता है उसे भी बचा सकते हो।
6. MIS in Excel + Power Query Course in Hindi by (Learn More)
इस कोर्स को वो लोग कर सकते है जो MIS Executive का जॉब करना चाहते है. अगर आप अपने आपको MIS Executive के रूप में देखना चाहते हो तो आप के लिए यह कोर्स बिलकुल सही है. इसमें आप मैनेजमेंट रिपोर्ट्स, डैशबोर्ड, बार चार्ट्स, स्पीडोमेटेर चार्ट्स, इन्फोग्राफिक चार्ट्स बना सकते है।
इस कोर्स के पैकेज में आपको पावर क्वेरी का भी कोर्स मिलता है. जिसमे आप आपके पास अगर टेक्स्ट फ़ाइल, एक्सेस फ़ाइल से डाटा आता है तो उसे प्रॉपर करने का काम यह क्वेरी कराती है. डाटा को अच्छे से सॉर्ट और फ़िल्टर करके अच्छे से कन्वर्ट करना हमें इस कोर्स में सीखने को मिलेगा।
Excel एक ऐसा सॉफ्टवेयर है, जिसे यूज करके हम घंटो का मिंटो कर सकते है. और ऐसे में हमें एक्सेल को यूज करना आना चाहिए। और आप इन 6 Best Microsoft Excel Courses in Hindi कोर्सेस में से आपके लिए जो भी कोर्स सही लगा हो उसे सिलेक्ट करके अपना Excel का नॉलेज और भी बड़ा सकते हो.
दोस्तों, आज के ज़माने को कंप्यूटर का जमाना कहा जाता है. छोटे से लेकर बढे बहुत सारे काम कंप्यूटर की मदद से आसान और काफी तेजी से हो रहे है. पर कम्प्यूटर से काम करने के लिए सबसे पहले कम्प्यूटर चलाना आना जरुरी है. कंप्यूटर चलाने लिए पहले हमें कम्प्यूटर सीखना बहुत जरुरी है. इसीलिए इस पोस्ट में एक ऐसे वेबसाइट बारे में बताने वाला हु, जहां आपको बहुतही कम प्राइज में Computer Course in Hindi उपलब्ध है.
तो चलिए बिना समय गवाए, उस Computer Course Website के बारे में जान लेते है.
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Best Place for Learn Online Computer Course in Hindi | हिंदी में कंप्यूटर कोर्स सीखने के लिए सबसे अच्छा प्लेटफार्म
हर किसी के मन में कंप्यूटर ने अपनी खुद की पहचान बना ली है. बच्चे हो या बड़े सभी को लगता है, हमें कम्प्यूटर को ऑपरेट करना आना चाहिए। पर अपनी पढाई या काम की वजह से हर किसी को ऑफलाइन कम्प्यूटर कोर्स करने के लिए नहीं मिलता। इसीको ध्यान में रखके Learn More यूट्यूब चॅनेल के फाउंडर सतीश ढवळे सर ने आपके लिए learnmorepro.com वेबसाइट फेब्रुवारी 2020 में लॉन्च किया। इस वेबसाईट पर उन्होंने कम्प्यूटर के बेसिक(Basic Computer in Hindi) से लेकर एडवांस कोर्स (Advance Computer Course in Hindi) को लॉन्च किया है.
आजतक इस वेबसाइट पर 50 हजारों से भी ज़्यादा लोग Online Computer Course को एनरोल करके घरबैठे कंप्यूटर सिख रहे है.
Learn More Pro पे ही क्यों ऑनलाइन कंप्यूटर कोर्स (Online Computer Course) सीखे?
दोस्तों, हम किसी चीज को खरीदने पहले उस प्रोडक्ट क्वॉलिटी(quality), क़ीमत(Price), Features और ऑफर्स को देखकर उस चीज खरीदते है. चाहे कॉलेज एड्मिशन लेना हो तो हम पहले उस कॉलेज बारे में सभी जानकारी ले लेते है. वैसेही मै आपको LearnMorePro.com पर Online Computer Course को सीखने की सलाह दे रहा हु तो इस E-Learning platform की भी कुछ ना कुछ खासियत होगी। तो चलिए जान लेते है Computer Course के लिए Learn More Pro क्यों ?
Learn More Pro पे आप कभी भी और कही भी Online Computer Courses सिख सकते है. सिर्फ आपके डिवाइस पे इंटरनेट कनेक्टिविटी होना जरुरी है.
हर एक Computer Course साथ उसकी प्रैक्टिस फाइल्स उपलब्ध है.
कंप्यूटर कोर्स के साथ Free Computer PDF Books लर्न मोर प्रो के मोबाईल ऍप्लिकेशन्स साथ मिलते है.
प्रैक्टिस के लिए हरदिन Computer Mock Test लर्न मोर प्रो के मोबाईल ऍप्लिकेशन्स पर फ्री में मिलती है.
डेमो के लिए दो कोर्स बिलकुल फ्री में.
कोर्स पूरा होने के बाद कोर्स कम्पलीशन पर ISO मान्यकित सर्टिफिकेट भी मिलता है.
इसके अलावा स्टूडेंट लिए कुछ भी नहीं लगता। तो क्यों दूसरी जगह Computer Courses को क्यों सर्च करे.
Learn More Pro पे कौन कौन से कंप्यूटर कोर्स (Computer Course) अवेलेबल है ?
अबतक लर्न मोर प्रो पे 20 से भी ज्यादा Online Computer Course in Hindi (हिंदी में) उपलब्ध है.
इसमें बेसिक से एडवांस्ड बहुत सारे कोर्सेस उपलब्ध है. इनमें –
लोर्न मोर पर किसी भी कंप्यूटर कोर्स(Computer Course) के पूरा होने पर आपको सर्टिफिकेट(Certificate) कैसे मिलेगा
दोस्तों, उम्मीद करता हु की, Best Place for Learn Online Computer Course in Hindi in 2022 यह पोस्ट आपके लिए जरूर फायदेमंद होगी। और आप लर्न मोर पे कंप्यूटर कोर्स सिखके कंप्यूटर साक्षर बन जाओगे।
” सतीश सर के हर एक कम्प्यूटर कोर्स पे मिल रहा है अच्छा और फ़ायदेमदं डिस्काउंट “
तो देर किस बात की है. अभी निचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करके कंप्यूटर सीखना स्टार्ट करे..!
दोस्तों, जब भी हम कम्प्यूटर में किसी भी प्रकार का काम कर रहे होते है, तब हम हमारे कंप्यूटर पर जो इंग्लिश कीबोर्ड का अक्सर यूज करते है. और जब ऑफिस का कोई डॉक्यूमेंट हिंदी में या अन्य किसी भाषा में टाइपिंग की बारी आती है तो कई लोगों को दिक्कते आती है. यह प्रॉब्लम आपका ही नहीं मेरा भी है. मुझे भी हिंदी टाइपिंग नहीं आती तो मै ऑनलाइन हिंदी टाइपिंग टूल का यूज करने लगा.(Hindi Language Typing Tool)
और यही प्रॉब्लम को ध्यान में रखकर हम यह पोस्ट आपके लिए लेकर आये है. इस पोस्ट में हम एक ऐसे ऑनलाइन टाइपिंग टूल (Online Typing Tool) के बारे में बतानेवाले है. जिसका यूज करके आप किसी भी लैंग्वेज में अपने बहुत कीबोर्ड से टाइपिंग कर सकते हो. इस टूल का नाम है Indic Typing. यह टूल हमें Indictyping.com वेबसाइट पर ऑनलाइन यूज करने के लिए मिलता है.
तो चलिए, इस अमेज़िंग टाइपिंग टूल (Amazing Typing Tool in Hindi) के बारे में अधिक जानते है.
Hindi Indic Typing Tool | हिंदी इंडिक टाइपिंग टूल
Indic Typing यह एक ऑनलाइन टाइपिंग सॉफ्टवेयर है. जो हमें इंग्लिश टू हिंदी, इंग्लिश टू मराठी, ऐसे भारत के टॉप 10 रीजनल भाषाओ में टाइपिंग की सुविधा उपलब्ध करके देता है. यह सॉफ्टवेयर सिंपल और यूज करने के लिए बहुत ही आसान है. अब आपको अलग अलग भाषाओं में टाइपिंग करने के लिए कोई कोर्स करने की भी जरुरत नहीं है. क्योकि यह टूल आपको Google transliteration typing service का यूज करके बहुत आसानी से इंग्लिश शब्द को भारत के 10 भाषाओ में कनवर्ट करके देता है.
ब्राउज़र के स्क्रीनपर Indic Typing Tool वेबसाइट ओपन हो जाएगी।
जैसे निचे के स्क्रीनशॉट मे भारत की अलग अलग भाषा का ऑप्शंस दिखाई दे रहे है, उसमे से आपको जिस भाषा में कन्वर्ट करना है. उसे सिलेक्ट करे.
और निचे के Text बॉक्स में टाइप करना स्टार्ट करे. जैसेही आप स्पेस की प्रेस करेंगे आपने type किया हुआ इंग्लिश शब्द आपने सिलेक्ट किये हुए भाषा में बदल जायेगा।
इस टूल पर टाइपिंग भी बहुत आसानी से की सकती है. उदाहरण.,
अगर आपको हिंदी में नमस्कार दोस्तो लिखना है और आपको हिंदी टाइपिंग नहीं आती तो आप इस टूल पर.. Namaskar Dosto लिखेंगे तो यह टूल आपको इन इंग्लिश शब्दों को हिंदी में नमस्कार दोस्तो में कन्वर्ट करके देगा। अब आपको समज में आया होगा की यह Typing Tool यूज करने के लिए बहुत ही आसान है.
IndicTyping किन किन भाषाओ में अवेलबल है ?
Indic Typing भारत के निम्नलिखित सभी भाषाओं में उपलब्ध है –
English to Hindi Typing
English to Marathi Typing
English to Gujrati Typing
English to Bengali Typing
English to Telugu Typing
English to Tamil Typing
English to Urdu Typing
English to Malayalam Typing
English to Kannada Typing
English to Odia Typing
तो चलिए इन सभी भाषाओ का Indic Typing पर डेमो दिखाता हु. दोस्तों, इंग्लिश शब्द लिखने के बाद स्पेस बटन प्रेस करने पर वह शब्द हमने जिस भाषा को सिलेक्ट किया है, उसमे बदलता है.
भाषा
इंग्लिश
कनवर्टेड वाक्य
English to Hindi
english hindi typing
इंग्लिश हिंदी टाइपिंग
English to Marathi
english marathi typing
इंग्लिश मराठी टायपिंग
English to Gujrati
English gujrati typing
ઇંગલિશ ગુજરાતી ટાયપિંગ
English to Bengali Typing
English Bengali Typing
ইংলিশ বাঙ্গালী টাইপিং
English to Telugu Typing
English Telugu Typing
ఇంగ్లీష్ తెలుగు టైపింగ్
English to Tamil Typing
english tamil typing
ஆங்கிலச் தமிழ் ட்ய்பிங்
English to Urdu Typing
english urdu typing
انگلش اردو ٹائپنگ
English to Malayalam
english malyalam typing
ഇംഗ്ലീഷ് മലയാളം ടൈപ്പിംഗ്
English to Kannada
English kannada typing
ಇಂಗ್ಲಿಷ್ ಕನ್ನಡ ಟೈಪಿಂಗ್
English to Odia
english odia typing
ଇଂଲିଶ ଓଡ଼ିଆ ଟିପିଙ୍ଗ
दोस्तों, अब आपको समज आया होगा की दरसल Indic typing Tool काम कैसे करता है, और इसका यूज करना कितना आसान है. इस Typing Tool का यूज मै तो हरदिन टाइपिंग के लिए करता हु. उम्मीद है की Indic Typing की मदद से आपकी भी अलग अलग भाषाओ में टाइपिंग करने की परेशानी मिट जाएगी।
हम जो कंप्यूटर और लैपटॉप यूज करते है वो हार्डवेयर(Hardware) और सॉफ्टवेयर (Software) से बने होते है. कंप्यूटर के सभी हार्डवेयर का आउटपुट सॉफ्टवेयर की मदद से प्रोसेसिंग करके हमें प्रदान करता है. साथ ही साथ हार्डवेयर अच्छे से काम करने के लिए सॉफ्टवेयर(Software) की मदद से उस हार्डवेयर को कंट्रोल किया जाता है.
इसका अर्थ यही होता है की, कंप्यूटर का यूज करने की लिए सॉफ्टवेयर की आवश्यकता है. कंप्यूटर द्वारा हम कुछ भी काम करते होंगे तब हम कोई न कोई सॉफ्टवेयर की मदद से वह कार्य कर रहे होंगे। कंप्यूटर में हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर एक दूसरे पे निर्भर(depend) रहते है.
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सॉफ्टवेयर क्या है | What is Software in Hindi
कंप्यूटर कोई भी प्रकार का कार्य अपने आप नहीं करता है, उसके लिए सबसे हमने दिए हुए निर्देश को कम्प्यूटर प्रोसेस करता है. इसके लिए वह कंप्यूटर Language का इस्तेमाल करता है. सॉफ्टवेयर एक ऐसा प्रोग्राम है, जो कंप्यूटर किसी भी प्रकार का कार्य करते समय लगने वाले निर्देशों(instructions) को स्टोर करके रखता है. और उस निर्देशों को प्रोसेस करके उस कार्य को पूरा करता है. हम सॉफ्टवेयर की मदद से ही कम्प्यूटर पर सभी काम कर सकते है. सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर अधूरा है.
Software के प्रकार | Types of Software in Hindi
कम्प्यूटर के कार्य के अनुसार कम्प्यूटर में मौजूद सॉफ्टवेयर के मुख्य तीन प्रकार है. उसमे
सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)
यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software)
तो चलिए, इन सभी प्रकारो के बारे में जान लेते है.
सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
सिस्टम सॉफ्टवेयर एक और एक से अधिक प्रोग्राम से बना होता है. इस software द्वारा हम कम्प्यूटर के हार्डवेयर को नियंत्रित कर सकते है.
सिस्टम सॉफ्टवेयर द्वारा निम्नलिखित कार्यो को पूरा किया जाता है.
यह सॉफ्टवेयर यूजर और कंप्यूटर के हार्डवेयर के बिच का interface निर्माण करता है.
कंप्यूटर को नियंत्रित करने का काम system software द्वारा किया जाता है.
नए हार्डवेयर की कनेक्टिविटी के लिए सहयोग सिस्टम सॉफ्टवेयर करता है.
Application Software को Execute करने के लिए प्लेटफार्म उपलब्ध करके देता है.
कंप्यूटर के मेंटेनेंस का कार्य भी System Software करता है.
ये कुछ System Software’s है.
Windows XP
Windows 7
Windows 8
Mac oS
Linux
Unix
ऊपर दिए हुए इन सभी सॉफ्टवेयर को Operating System भी कहा जाता है.
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)
जो हम नोर्मल्ली यूज करते है वह सॉफ्टवेयर Application Software’s में आते है. Photoshop, CorelDraw, Tally, MsOffice, etc ये सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है.
ये वह सॉफ्टवेयर होते है, जिसका यूज हम हमारी आवश्यकता के नुसार और स्पेशल फ़क्शन्स के लिए करते है.
यह वह सॉफ्टवेयर होते है, जिसकी हमें बार बार आवश्यकता पड़ती है. यूटिलिटी प्रोग्राम, कई ऐसे कार्य करता है, जो कम्प्यूटर को उपयोग करते समय करने पड़ते है. इस प्रकार सॉफ्टवेयर प्रोग्राम का सम्पर्क सीधा hardware होता है. Disk Defragmenter, Anti Virus आदि यूटिलिटी प्रोग्राम्स (Utility Programs) है.
Utility Software एक ऐसा कम्प्यूटर सिस्टम है जो कम्प्यूटर को Analyzation, Configuration, Optimization और Maintenance करने में मदद करता है.
निम्नलिखित सभी Utility Programs है.
Antivirus
Backup software
Clipboard
Compression utility
Cryptography software
Debuggers
Defrag
DirectX
Disk checkers (e.g., Defrag, Disk Cleanup, and ScanDisk).
Disk partition editors
दोस्तों, इस पोस्ट में Software kya hota hai ये जान लीया है. साथ ही साथ System Software, Application Software और Utility Software के बारे में भी लिया है.
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दोस्तों, जैसे पिछली पोस्ट में मेमोरी क्या होती है? और उनके प्रकारों के बारे में जान लिया था. उस पोस्ट में Secondary Memory में SSD को लिस्ट किया था. इस पोस्ट में हम SSD क्या होती है और बाजार में हमें कौन-कौनसी टाइप्स की SSD मिलती है ये जाननेवाले है? [What is SSD and Its Types in Hindi ]
दोस्तों, आप जब नया कंप्यूटर या लैपटॉप खरीदने जाते हो तो सबसे पहले कंप्यूटर स्टोअर में होनेवाला सेल्समैन आपको कंप्यूटर के फीचर्स में SSD और HDD के बारे में बताता है. उनके डाटा ट्रांसफर करने के स्पीड के बारे में जानकारी देता है. आजकल SSD मार्केट में बहुत पॉपुलर हो रही है. इसका कारन है, SSD का डाटा प्रोसेसिंग स्पीड. पर क्या SSD की इतनी इनफार्मेशन आपके लिए क्या काफी है? नहीं ना! आपको SSD क्या है? उनके प्रकार इनकी भी जानकारी होना जरुरी है. तो चलिए बिना समय गवाए हम हमारे मेन टॉपिक के ऊपर आते है.
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SSD क्या है ? What is SSD in Hindi
SSD का फुलफॉर्म होता है Solid State Disk. SSD को Solid State Drive भी कहा जाता है. यह मेमोरी Non-Volatile Memory है. यह मेमोरी हमारे कंप्यूटर की हार्डडिस्क के जैसेही डाटा स्टोअर करने का काम करती है. पर स्पीड की बात करे तो SSD का डाटा ट्रांसफर और Receive करने का स्पीड Harddisk के मुकाबले कई गुना ज्यादा है.
SSD मेमोरी सेमीकंडक्टर मटेरियल से बनी हुई है. याने के यह SSD मेमोरी को कई सारे चिप्स(IC – Integrated Circuits), flipflops से बनी होती है. SSD में डाटा को बाइनरी फॉरमेट में सेव्ह किया जाता है (Binary – 0 और 1 के रूप में ).
SSD के प्रकार | Types of SSD in Hindi
SSD के Structure के अनुसार अलग अलग प्रकार है. उनमे
SATA SSD
mSATA SSD
M.2 SSD
SSHD
अब हम एक एक करके इन सभी SSD के बारे में जान लेते है.
SATA SSD
इस टाइप की SSD ज्यादातर कंप्यूटर्स में या लैपटॉप्स में ज्यादातर यूज की जाती है. इस टाइप के सॉलिड स्टेट ड्राइव को SATA ssd इसीलिए कहा जाता है की, इस टाइप की ssd को SATA केबल्स (connectors) द्वारा कनेक्ट किया जाता है. ( SATA का फुलफॉर्म Serial Advanced Technology Attachment है.)
mSATA SSD
m SATA ssd दिखने में लगभग RAM मेमोरी के जैसेही होती है. m SATA का फुलफॉर्म होता है – Micro SATA. इस टाइप्स की SSD को ज्यादातर लैपटॉप्स में यूज किया जाता है. इस mSATA को यूज करने के लिए कंप्यूटर में mSATA पोर्ट होना जरुरी है.
M.2 SSD
M.2 SSD के नाम से ही पता चलता है की यह मेमोरी m SATA का अपग्रेडेड वर्जन है. और दिखने में भी m SATA की तरह दिखती है. इसे हम mSATA और SATA कनेक्टर दोनों में से किसी भी एक कनेक्टर को कनेक्टिविटी के लिए युज्ज कर सकते है. स्पीड की तुलना में M.2 SSD का स्पीड m SATA से ज्यादा है.
SSHD
SSHD का फुलफॉर्म Solid State Hybrid Drive है. ये एक फिजिकल और लॉजिकल डिवाइस है. याने की यह Harddisk और SSD के कॉम्बिनेशन से बनी होती है. इस टाइप के स्टोरेज डिवाइस को आजकल ज्यादातर लैपटॉप में यूज किया जाता है।
SSD के उपयोग | Use of SSD in Hindi
SSD का यूज भी हार्डडिस्क की तरह डाटा स्टोअर करने के लिए किया जाता है. SSD में हम वीडियो, म्यूजिक, डॉक्युमेंट्स, फोटोज, सॉफ्टवेयर स्टोअर करके रख सकते है. SSD का स्पीड Harddisk की तुलना में ज्यादा होने की वजह से SSD को नए कंप्यूटर्स यूजर्स द्वारा ज्यादा पसंद किया जा रहा है.
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने SSD क्या होती है? SSD के प्रकार और उपयोग के बारे में जान लिया है. अगर आपको यह information हेल्पफुल लगी हो तो इस पोस्ट को दोस्तों के साथ जरूर शेअर करे. SSD kya hai in hindi
कम्प्यूटर सीखना है, तो चलिए सतीश सर के साथ कम्प्यूटर सिखते है. यहाँ क्लिक करके अभी सतीश सर के कोर्स को जॉइन करे.
दोस्तों, पिछले पोस्ट में हमने मेमोरी क्या होती है.? और मेमोरी के प्रकारों के बारे में जानकारी ली है. उसमे हमने Secondary Memory में harddisk के बारे में शॉर्ट में जानकारी ली थी. इस पोस्ट में हम Harddisk Ki Full Information hindi में जाननेवाले है.
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हार्डडिस्क क्या है? | What is Harddisk in Hindi
ज्यादातर हम हार्डडिस्क को शॉर्ट HDD भी कहते है. Harddisk को Harddrive भी कहा जाता है. Harddisk यह एक सेकेंडरी मेमोरी है. जिसका यूज हम अपने कंप्यूटर या लैपटॉप मिडिया, फाइल्स, फोटो, वीडियो, डाक्यूमेंट्स, सॉफ्टवेयर्स को स्टोर करने के लिए करते है. कंप्यूटर में जो ऑपरेटिंग सिस्टम(OS) होती है वो भी हार्डडिस्क में ही सेव्ह होती है.
Harddisk एक नॉन वोलेटाइल(Non Volatile) मेमोरी है. मतलब कंप्यूटर बंद होने के बाद हार्डडिस्क में जो डाटा सेव्ह होता है. वह सुरक्षित रहता है. हार्डडिस्क एक Magnetic Storage डिवाइस है. जिसमे Electromagnetic रूप से डाटा को स्टोअर किया जाता है. हार्डडिस्क में Rotating Platter होता है जिसमे यह डाटा सेव्ह रहता है. इस डाटा को हम Read और Write भी कर सकते है.
हार्डडिस्क के भाग | Parts of Harddisk in Hindi
दोस्तों, जैसे हमारे शरीर के अलग अलग भाग होते है, और हर भाग का कार्य भी अलग अलग रहता है. वैसेही हार्डडिस्क के अंदर भी कई सारे पार्ट्स होते है. और उनमे से हर एक का कार्य अलग अलग होता है. तो चलिए हम हर एक पार्ट की जानकारी लेते है.
Magnetic Platters : मैग्नेटिक प्लॉटर्स हार्डडिस्क का सबसे महत्वपूर्ण भाग है, जिसमे डाटा स्टोअर रहता है. यह डाटा magnetic रूप से सेव्ह किया जाता है. मैग्नेटिक प्लॉटर्स में डाटा को binary form सेव्ह किया जाता है. बाइनरी फॉर्म याने 0 और 1 के रूप डाटा को रूपांतरित करके सेव्ह किया जाता है.
Read/Write Arm : यह रीड/write head पिछला हिस्सा होता है. Read/Write हेड और रीड/write arm आपस में जुड़े रहते है.
Actuator : Read/Write आर्म प्लैटर के ऊपर घुमाने काम Actuator करता है.
Read/Write Head : यह मैग्नेटिक मटेरियल बना होता है. Read/Write हेड आर्म के आगे लगा होता है. जो प्लैटर के ऊपर डाटा को सेव्ह करता है. साथ ही साथ डाटा को पढ़ने का काम भी यही हेड द्वारा किया जाता है.
Spindle : स्पिंडल एक प्रकार मोटर है, जो प्लैटर को घुमाने का काम करती है.
Circuit Board : प्लैटर से डाटा के प्रभाव नियंत्रित करने का काम यह circuit board करता है.
Connector : सर्किट बोर्ड से Read/Write Head और Platter तक डाटा को पहुंचाने का काम Connector करते है.
Logic Board : यह एक प्रकार की chip होती है, जो HDD से input या output की सभी जानकारी को नियंत्रित करती है।
हार्डडिस्क के प्रकार | Types of Harddisk in Hindi
दोस्तों, हार्डडिस्क में PATA, SATA इन प्रकारों का समावेश होता है. तो चलिए इन सभी प्रकारों को हम विस्तारित रूप से जान लेते है.
PATA (Parallel Advanced Technology Attachment) :
PATA ड्राइव को सबसे पहले 1986 में Western Digital ने बनाया था. Western Digital एक कंपनी है जो अलग अलग टाइप की हार्डडिस्क बनती है। PATA का फुलफॉर्म है – Parallel Advanced Technology Attachment. इसे IDE (Integrated Drive Electronics) भी कहा जाता है.
इस ड्राइव में Magnetism की मदद से डाटा को स्टोर किया जाता है. इस ड्राइव में 40 pins होती है. और यह 8 bit याने की 1 Byte डाटा को एक साथ सेंड कर सकती है. इस हार्डडिस्क का स्पीड लगभग 133 Mb/s इतना है.
SATA (Serial Advanced Technology Attachment) :
आजकल के ज्यादातर कंप्यूटर्स में इस प्रकार के हार्डडिस्क यूज किया जाता है. इसकी खास बात यह है की, SATA हार्डडिस्क की क़ीमत भी कम है और कार्यक्षमता भी अच्छी है. SATA का फुलफॉर्म है – Serial Advanced Technology Attachment. स्पीड की बात करे तो PATA Harddisk के मुकाबले SATA harddisk का स्पीड ज्यादा है. यह हार्डडिस्क 150 Mb/s से 600 Mb/s तक डाटा को सेंड कर सकती है.
हार्डडिस्क का उपयोग | Uses of Harddisk in Hindi
हार्डडिस्क का महत्वपूर्ण उपयोग डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है. Harddisk में हम कई सारे प्रकार के डेटा को store कर सकते है. जिसमे डाक्यूमेंट्स, फोटोज, टेक्स्ट फाइल्स, गाने, वीडियोज, ऑपरेटिंग सिस्टम, सॉफ्टवेयर्स आदि,.
हार्डडिस्क की डेटा स्टोर करने की कैपेसिटी ज्यादा रहती है. हम अपनी आवश्यकता के अनुसार मार्केट से गीगाबाइट से टेराबाइट तक हार्डडिस्क खरीद सकते है.
दोस्तों, इस पोस्ट में हमने हार्डडिस्क क्या होती है? हार्डडिस्क के प्रकार और उपयोग के बारे में जान लिया है. अगली पोस्ट में SSD क्या है ये जानेंगे। अगर आपको यह information हेल्पफुल लगी हो तो इस पोस्ट को दोस्तों के साथ जरूर शेअर करे. Harddisk kya hai in hindi
BestCourse for You : Computer Hardware Course in Hindi – Learn computer repairing at home
कम्प्यूटर सीखना है, तो चलिए सतीश सर के साथ कम्प्यूटर सिखते है. यहाँ क्लिक करके अभी सतीश सर के कोर्स को जॉइन करे.
दोस्तों, आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हो तो, आपको ब्लॉग के बारे में जरूर इंटरेस्ट होगा. इस पोस्ट में हम ब्लॉगर पर फ्री में वेबसाइट बनाने से रिलेटेड सभी जानकारी देनेवाले है. [ Free Blog Website on Blogger in Hindi ]
Blogger का पुराना नाम Blogspot था. इसीलिए जो ब्लॉगर का डिफ़ॉल्ट डोमेन नेम blogspot.com है. यह एक ऐसा ब्लॉग्गिंग प्लेटफार्म है. जहाँ पर आपको ब्लॉग वेबसाइट बनाने के पैसा खर्च करने की जरुरत नहीं होती। साथ ही साथ आपके पास ज्यादा टेक्निकल नॉलेज भी नहीं होंगा तो भी आप आपकी खुद की ब्लॉग वेबसाइट Blogger पे free में बनवा सकते है.
ब्लॉगर एक अमेरिकन ऑनलाइन Content Management System है. जो लोगों को अपने प्लेटफार्म पर free में ब्लॉग वेबसाइट बनाने की अनुमति देती है. Evan Williams और Meg Hourihan ये दोनों ब्लॉगर के फाउंडर है. Blogger को 23 अगस्त 1999 में Pyra Labs द्वारा लॉन्च किया गया था. उसके बाद 2003 में गूगल ने Blogger को ख़रीदा।
इस पोस्ट में हम ब्लॉगर पर ब्लॉग बनाने के लिए आवश्यक स्टेप्स को जाननेवाले है.
Steps To Create Blog Website on Blogger For Free [ in Hindi ]
सबसे पहले आपको गूगल पर ब्लॉगर की ऑफिसियल वेबसाइट Blogger.com विजिट करना है.
इस वेबसाइट होमपेज पर आपको Create Your Blog ऑप्शन मिलेगा उसपर आपको क्लिक करना है.
उसके बाद आपको आप जिस Email पर ब्लॉग साइट बनाना चाहते हो उस ईमेल से Sign In करना है.
अकाउंट Sign in होने के बाद स्क्रीनपर आपके ब्लॉग को कौनसा नाम देना है. यह पूछा जायेगा? वहापर आपको आपके ब्लॉग वेबसाइट का नाम लिखना है. (जैसे हमारे वेबसाइट का नाम ट्रैंड्स हिंदी है, वैसेही आप आपके ब्लॉगसाइट कुछ भी नाम सकते है.)
अगले स्टेप में आपको आपके वेबसाइट को जो वेब एड्रेस देना है वो टाइप करना है. यह address unique होता है. अगर आपने टाइप किया हुआ address को पहलेसेही किसीने लिया होगा तो आपको address name को चेंज करना पढ़ेगा।
लास्ट में आपको आपके ब्लॉग वेबसाइट का Display Name देना है. यह नाम आपके ब्लॉग वेबसाइट दिखाई देगा.
अब आपकी ब्लॉग वेबसाइट बन जाएगी.
अब आप आपके सामने एक पैनल खुल जायेगा। जिसमे आपको Left Side में कुछ ऑप्शन मिलेंगे। जिसका यूज करके आप आपके ब्लॉग पर पोस्ट को पब्लिश कर सकते है. कमेंट्स को मैनेज कर सकते है. ब्लॉग वेबसाइट की डिजाइन को चेंज कर सकते है. याने की ब्लॉग वेबसाइट की हर सेटिंग को आप इस पैनल से मैनेज कर सकते हो. तो चलिए इन सभी ऑप्शन के बारे में एक एक करके जान लेते है.
+ NEW POST – ब्लॉगर के डैशबोर्ड पैनल में पहला ऑप्शन आता है “+New Post” होता है. इस ऑप्शन पर क्लिक करके आप आपके ब्लॉग में नयी पोस्ट लिखकर पब्लिश कर सकते है.
Posts – इस ऑप्शन हमने अपने ब्लॉग पर लिखी हुई सभी पोस्ट की लिस्ट यहाँ मिलेंगी. इस ऑप्शन का यूज करके हम पोस्ट किये हुए पोस्ट्स को अनपब्लिश कर सकते है. साथ साथ कौनसे पोस्ट को कितने व्यूज मिले है, यह भी हमें इस ऑप्शन से ही पता चलता है.
Stats – “Stats” ऑप्शन में हमारी ब्लॉग पोस्ट्स, पेजेस का analytics मिलता है. यह ऑप्शन Google Analytics की तरह ही काम करता है.
Comments – इस ऑप्शन का यूज करके हम हमारे सभी ब्लॉग पोस्ट पर आये हुए कमेंट्स को मैनेज कर सकते है.
Earnings – ब्लॉग वेबसाइट पर AdSense का अप्रूवल लेकर आप इस ऑप्शन का यूज करके Earnings के सभी डिटेल्स को देख सकते है.
Pages – इस ऑप्शन का यूज करके हम हमारे ब्लॉग वेबसाइट के सभी पेजेस मैनेज कर सकते है.
Layout – लेआउट ऑप्शन में हम हमारे ब्लॉग वेबसाइट पर widget नयी ऐड कर सकते है. साथ ही साथ sidebar को एडिट कर सकते है.
Theme – थीम ऑप्शन में हम हमारे ब्लॉग वेबसाइट के थीम(डिज़ाइन) को चेंज कर सकते है.
Settings – सेटिंग्स में हमारे ब्लॉग वेबसाइट के सबंधित कुछ सेटिंग्स मिलती है. जैसे ब्लॉग वेबसाइट Basic Details, Privacy Settings, Custom Domain & HTTPS settings, Monetization जैसे आप यहाँ से चेंज कर सकते हो.
Reading List – Reading List में कई सारे ब्लॉग पोस्ट की लिंक्स मिलती है.
View Blog – इस ऑप्शन पर क्लिक करके हम हमारे ब्लॉग वेबसाइट को विजिट कर सकते हो.
इस पोस्ट में हमने ब्लॉगर में फ्री में ब्लॉग वेबसाइट कैसे बनाना है. और ब्लॉग वेबसाइट तैयार होने के बाद जो डैशबोर्ड खुलेगा उसपर जो भी ऑप्शन्स है इनकी जानकारी दी है, ऐसेही ब्लॉग्गिंग और टेक्नोलॉजी से रिलेटेड और भी इनफार्मेशन जानने के लिए Trends Hindi वेबसाइट को bookmark करके रखे.
दोस्तों, चाहे हम मोबाईल खरीद रहे हो या कम्प्यूटर, सबसे पहले हमें उसमे हमें कितनी गीगाबाइट की मेमोरी(Memory) मिलती है ये हम चेक करते है. पर कई लोगों को ये पता नहीं होता की असल में ये मेमोरी क्या होती है. (Memory kya hai) मेमोरी के प्रकार कौन कौनसे है. इस पोस्ट में हम कंप्यूटर मेमोरी के बारे में जाननेवाले है.
अनुक्रम
मेमोरी क्या है? | What is Memory in Hindi
मेमोरी इंसानो के दिमाग़(brain) की तरह ही काम करती है. मेमोरी का यूज डाटा और instructions को स्टोर करने के लिए किया जाता है. Computer Memory – कंप्यूटर मेमोरी एक ऐसा स्टोरेज स्पेस होता है, जहा डाटा को स्टोरेज करते है, और उस डाटा को प्रोसेस करने के लिए आवश्यक निर्देश(instructions) को स्टोअर किया जाता है. मेमोरी वह जगह है, जहा कम्प्यूटर, प्रोग्राम और डाटा को स्टोअर करता है.
मेमोरी कंप्यूटर का बहुत ही जरुरी हिस्सा है. सोच लीजिये, अगर इंसान में दिमाग नहीं होता तो? जैसे दिमाग के बिना इंसान कुछ भी नहीं. वैसेही मेमोरी के बिना कम्प्यूटर कुछ भी काम नहीं कर सकता. हमें कम्प्यूटर को कोई भी इंस्ट्रक्शन देनी हो या इनपुट देना हो तो पहले उसे कम्प्युटर में स्टोर करने के लिए मेमोरी की जरुरत होती है.
कम्प्यूटर में मेमोरी मदरबोर्ड के साथ कनेक्ट होती है. कम्प्यूटर के प्रोसेसर को जब भी प्रोसेसिंग के लिए डाटा की जरुरत होती है, तब वो डायरेक्टली मेमोरी को एक्सेस करके वहा से उस डाटा को प्रोसेसिंग के लिए लेता है.
मेमोरी के प्रकार | Types of Memory in Hindi
मेमोरी मुख्यतः तीन प्रकार की होती है –
कैश मेमोरी (Cache Memory)
प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory)
सेकंडरी मेमोरी (Secondary Memory)
A.कैश मेमोरी (Cache Memory)
Cache Memory एक सेमीकंडक्टर मटेरियल हुई highspeed मेमोरी होती है, जो हमारे डिवाइस स्पीड को बढाती है. यह मेमोरी CPU और Main memory के बीच में बफर (Buffer) का काम कराती है. यह मेमोरी प्रोसेसर द्वारा लास्ट में यूज किये हुए प्रोग्राम्स को होल्ड करके रखती है.
कैश मेमोरी का स्पीड मेन मेमोरी से ज्यादा होता है. बाकि मेमोरीयों के तुलना में इस मेमोरी का एक्सेस टाइम भी कम है. यह मेमोरी डाटा को टेम्पररी स्टोअर करके रखती है.
B. प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)
प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) कंप्यूटर की वह मेमोरी होती है, जिसे प्रोसेसिंग यूनिटद्वारा सीधा एक्सेस किया जाता है. यह मेमोरी सभी सूचनाओं(instructions) को अस्थायी रुप से स्टोर करके रखती है. याने की सभी सुचंनाओ कंप्यूटर बंद करने के बाद नष्ट करती है.
प्राथमिक मेमोरी, सेकेंडरी मेमोरी के मुकाबले ज्यादा महँगी होती है. प्राथमिक मेमोरी का स्पीड सेकंडरी मेमोरी के तुलना में ज्यादा होता है. प्राथमिक मेमोरी (Primary Memory) के मुख्यतः दो प्रकार की होती है.
प्राथमिक मेमोरी के प्रकार | Types of Memory in Hindi
Primary Memory के दो प्रकार है-
रैम (RAM)
रोम (ROM)
A. रैम (RAM) –
रैम (RAM) का फुलफॉर्म है, Random Access Memory. यह मेमोरी डाटा या इंस्ट्रक्शन को स्थायी रूप से स्टोर करके रखती है. और कम्प्यूटर बंद करने पर सभी डाटा को डिलीट कर देती है. और फिरसे जब हम कम्प्यूटर को ऑन करते है तब सभी प्रोग्रम को लोड करती है. इस मेमोरी को Volatile Memory कहते है.
इस मेमोरी का उपयोग मोबाईल, कम्प्यूटर, टेबलेट आदि इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में किया जाता है. रैम मेमोरी के भी दो प्रकार की होती है – 1. SRAM (Static RAM), २. DRAM (Dynamic RAM).
B. रोम (ROM) –
रोम (ROM) का फुलफॉर्म है Read Only Memory. इस टाइप के मेमोरी में हम डाटा को सिर्फ पढ़ सकते है. याने के इस मेमोरी में हम डाटा के ऊपर एडिट और डिलीट जैसे ऑपरेशन्स परफॉर्म नहीं कर सकते। इस मेमोरी में भी प्रोग्राम्स को स्थायी रूप से स्टोअर किया जाता है. ROM मेमोरी Non-Volatile मेमोरी है.
रोम मेमोरी में कम्प्यूटर को स्टार्ट करने के लिए आवश्यक प्रोग्राम्स को स्टोर किया जाता है. इस मेमोरी का यूज कम्प्यूटर के अलावा अलग-अलग इलेक्ट्रॉनिक्स मशीनों में और उपकरणों में किया जाता है. रोम (ROM) मेमोरी के मुख्यतः PROM, EPROM और EEPROM ये प्रकार है.
सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory) वह जगह है, डाटा, प्रोग्राम्स और instructions को लम्बे समय के लिए स्टोर करके रख सकते हो. साथ ही साथ इस मेमोरी में आप Read/ Write यह दोनों ऑपरेशन्स परफोर्म कर सकते है. इस मेमोरी की स्पीड की बात करे. तो इस मेमोरी का स्पीड प्राइमरी मेमोरी और कैश मेमोरी के तुलना में कम होता है.
सेकेंडरी मेमोरी की स्टोरेज क्षमता(capacity) प्राइमरी मेमोरी से कई गुना ज्यादा होती है. इस मेमोरी के रूप में हार्डडिस्क का काफी ज्यादा यूज किया जाता है. इसके साथ साथ आजकल SSD – Solid State Disk का यूज भी काफी ज्यादा होने लगा है. इसमें ऑप्टिकल डिस्क मेमोरी का भी समावेश होता है.
Harddisk : हार्डडिस्क का यूज कम्प्यूटर में डाटा, प्रोग्रम्म्स को स्टोर करने के लिए करते है. यह मेमोरी प्राथमिक मेमोरी के तुलना में काफी सस्ती होती है.
दोस्तों, इस पोस्ट में मेमोरी के बारे में बेसिक जो चीजे होती है वो जान ली है. आनेवाले पोस्ट में हम मेमोरी के प्रकारो के बारे में details जानकारी देंगे।
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दोस्तों, इस पोस्ट में हम Ms Excel के बारे में जाननेवाले है. Ms Excel का पूरा नाम Microsoft Excel (माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल) है.
Microsoft Excel को हम नॉर्मल्ली Excel या Ms Excel भी कहते है. Ms Excel माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के ऍप्लिकेशन्स प्रोग्रामो से एक स्प्रेडशीट प्रोग्राम(Spreadsheet Program) है. Ms Excel को ३० सितम्बर १९८५ में पहली बार रिलीज किया गया था.
Ms Excel को अभी Microsoft Windows, Apple macOS, Android और Apple iOS इन ऑपरेटिंग सिस्टम(operating system) में उपलब्ध है. वर्ड को हम WINE के की मदद से Linux ऑपरेटिंग सिस्टम(OS) में भी यूज कर सकते है.
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Ms Excel का ओवरव्यू | Overview Of Ms Excel in Hindi
Ms Excel की विंडोज कुछ इस तरह दिखती है.
Excel में कुछ ऐसे फिक्स sections है जो आपको लगभग एक्सेल के सभी वर्जन्स में अवेलेबल है. Formula Bar, Cell, Column, Row, Sheet Tabs, और Name Box, etc.
Excel में डाटा को organize करने के लिए Rows और Column का यूज किया गया है. और जहा row और column इंटेरसेक्ट होते है वहा cell बन जाती है. Cell में हम डाटा को स्टोअर करते है. यह डाटा नंबर, टेक्स्ट या फार्मूला के रूप में हो सकता है.
Ms Excel को कैसे स्टार्ट करे | How to Start Ms Excel (Know in Hindi)
अगर आपने आपके कम्प्यूटर या लैपटॉप में Microsoft Office के पॅकेज को इनस्टॉल किया हो तो आप Ms Excel को Start Menu से एक्सेस कर सकते है. आप Microsoft Excel को बिना माउस का यूज किये भी ओपन कर सकते है. उसके लिए निचे दिए हुए स्टेप्स को फॉलो करे.
#Steps :
कीबोर्ड के ऊपर मौजूद Windows + R किज को प्रेस कीजिये।
उसके बाद स्क्रीनपर Run Cmd का डायलॉग बॉक्स ओपन होगा।
उस डायलॉग बॉक्स मे सर्च बॉक्स में excel टाइप करके कीबोर्ड के ऊपर की Enter किज को प्रेस कीजिये।
आपके कम्प्यूटर या लैपटॉप में Ms Excel ओपन हो जायेगा।
Ms Excel का यूज क्या है? | Use of Ms Excel in Hindi
एक्सेल का यूज करके हम डाटा को organize और उस डाटा के ऊपर हम प्रोसेसिंग कर सकते है. जैसे डाटा को analyse, calculate statistics, pivot tables और उस डाटा को चार्ट्स और ग्राफिकल फॉरमेट में भी प्रेज़ेंट कर सकते है.
Ms Excel के शीटपर हम हमारे मंथली बजट, हमारे एक्सपेन्सेस को ट्रैक करा सकते है. स्कूल में बच्चों के अटेंडेंस, activity रिपोर्ट्स, मार्क्स को Excel sheet की मदद से मैनेज कर सकते हो.
Excel में हमें और भी कुछ एडवांस फीचर्स मिलते है. जैसे Filter, Vlookup, Hlookup, Sorting, Conditional Formatting, और कई सारे Formulas. इन सभी को आप डाटा के ऊपर यूज कर सकते हो. और कई सारे ऑपरेशन्स आप ऑटो कर सकते हो.
Microsoft Excel किस प्रकार की फ़ाइलें बना और उपयोग कर सकता है? What type of files can Microsoft Excel create and use
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल के पुराने वर्जन में वर्ड की डॉक्यूमेंट फ़ाइल .xls एक्सटेंशन में सेव होती थी. पर अब कई नए वर्जन में डॉक्यूमेंट फ़ाइल का एक्सटेंशन .xlsx से सेव होती है.
इससे अलावा हम Excel की Spreadsheet फ़ाइल को निचे दिए हुए एक्सटेंशन्स के साथ भी सेव्ह कर सकते है –
.csv
.dbf
.dif
.htm, .html
.mht, .mhtml
.ods
.pdf
.prn
.prn
.slk
.txt
.xla
.xlam
.xls
.xlsb
.xlsm
.xlsx
.xlt
.xltx
.xlw
.xml
.xps
ऊपर दिए हुए फॉरमेट में हम एक्सेल फ़ाइल को सेव करके उसका यूज कर सकते है.
Microsoft Excel के कौन कौनसे वर्जन्स उपलब्ध है? What are the different versions of Microsoft Excel.
माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल लॉन्च होने के बाद उसमे लगातार कई सारे अपडेट्स आये. उन सारे अपडेट्स को निचे लॉन्चिंग के साल के साथ mention किया है.
Excel 2.0, released in 1987
Excel 3.0, released in 1990
Excel 4.0, released in 1992
Excel 5.0, released in 1993
Excel 95, released in 1995
Excel 97, released in 1997
Excel 2000, released in 2000
Excel 2002, releases in 2002
Excel 2003, released in 2003
Excel 2007, released in 2007
Excel 2010, released in 2010
Excel 2013, released in 2013
Excel 2016 and Office 365, released in 2016
Excel 2019, released in 2018
Que.Excel के पहले क्या कोई एक्सेल जैसा प्रोग्राम था? Was there an Excel-like program? (Know in Hindi)
जी हां, Excel को हम पहला स्प्रेडशीट प्रोग्राम नहीं कह सकते है. क्योकि एक्सेल के पहले Lotus 1-2-3 और VisiCalc जैसे पॉप्युलर प्रोग्राम भी रिलीज हुए थे.
Que. एक्सेल शीट में कितने Rows और Column होते हैं? How Many Rows and Columns having each Excel Sheet? [in Hindi]
एक्सेल शीट में 1,048,576Rows और 16,384 columns होते है.
Complete Ms Excel Tutorial For Beginners in Hindi by Satish Dhawale Sir
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आशा है की, आपको Ms Excel की यह पोस्ट पसंद आयी होगी। अगर आप ऐसेही Ms Office की और पोस्ट पढ़ना चाहते हो तो यहाँ क्लिक करे.